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The revised and updated second edition of Prashasanik Vidhi (Administrative Law in Hindi) contains all the major and latest case law on Administrative Law which have altered the scope of the Administrative. The book covers various leading cases like “Centre for Public Interest Litigation v Union of India & Subramanian Swamy v Manmohan Singh”, which give influence on Administrative law.
Certain new topics , such as Consumer Protection, RTI, Curative Petition etc. have also been included in the book, The book discusses all the major aspects of Administrative Law, like basic constitutional principles, delegated legislation, natural justice, administrative tribunal, judicial review and their application to the administrative machinery of India.
प्रशासनिक विधि का यह दूसरा संस्करण आवश्यक व महत्वपूर्ण संशोधनो की सम्मिलित करते हुए नए कलेवर व साज सज्जा के साथ आपके समक्ष प्रस्तुत है। बीसवीं सदी के उत्तरार्ध्द व इस इक्कीसवीं सदी में प्रशासनिक विधि का विकास तीव्र गति से हुआ है क्योंकि न केवल राज्य की भूमिका और कार्य दर्शन में व्यापक बदलाव आया है बल्कि सरकार के कार्यों में भी आशातीत वृद्धि हुई है।
विश्व भर में फैलते आर्थिक सुधारों के कारण प्रशासनिक विधि के महत्व को कमतर नहीं आँका जा सकता है। सी.के ठक्कर (टकवानी) कृत 'Lectures on Administrative Law' की अंग्रेज़ी भाषा की पुस्तक का यह अनुवादित हिन्दी संस्करण है जिसे विधि ज्ञाता के.सी जोशी जी ने तैयार किया है। इस पुस्तक में Centre for Public Litigation vs Union of India और Subramanian Swamy vs Manmohan Singh जैसे प्रमुख न्यायिक निर्णयों की चर्चा के साथ - साथ प्रशासनिक विधि को प्रभावित करने वाले तत्त्वों का भी व्यापक ज़िक्र है। नए विषयों में उपभोक्ता अधिनियम, दोषहारी याचिकाएँ, गंगाखण्ड तथा सूचना के अधिकार अधिनियम की चर्चा विशेष रूप से की गयी है क्योंकि ये विषय प्रशासनिक विधि का सक्रिय भाग बन चुके हैं।
प्रशासनिक विधि में दिलचस्पी रखने वाले का सक्रिय भाग बन चुके हैं। न्यायिक अधिकारियों के लिए पुस्तक विशेष रूप से लाभप्रद साबित होगी।
विषय सूची
अध्याय
1. प्रस्तावना
2. मूल संवैधानिक सिधान्त
3. प्रशासनिक कार्यों का वर्गीकरण
4. प्रत्यायोजित विधान (साधारण नियम)
5. प्रत्यायोजित विधान (नियंत्रण और रक्षोपाय)
6. नेसगिर्क न्याय
7. प्रशासनिक अधिकरण
प्रशासनिक अधिकरण (क्रमशः)
8. प्रशासनिक विवेक का न्यायिक पुनविरलोचन
9. न्यायिक तथा अन्य उपचार
10. सरकार का दायित्व
सरकार का दायित्व (क्रमशः)
11. लोक निगम
विषय अनुक्रमणिका
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